सोमवार, 7 अगस्त 2023

अबॉर्शन(गर्भपात) क्या होता है? लक्षण, कारण, परहेज और इलाज

 अबॉर्शन(गर्भपात) क्या होता है :-

28 सप्ताह से पूर्व 'गर्भाशय से सम्पूर्ण गर्भ का बाहर निकल जाना या उसके टुकड़े-टुकड़े होकर बाहर निकलना गर्भपात कहलाता है। यह प्रक्रिया अपने आप या फिर कृत्रिम विधि द्वारा की जाती है। 

तकनीकी विकास के फलस्वरूप गर्भपात की परिभाषा -

गर्भावस्था के पाँच माह (20 सप्ताह से कम अवधि) में स्वाभाविक या किये गये गर्भ समापन को गर्भपात कहते है | इसी तरह 500 ग्राम से कम वजन वाले गर्भ समापन को गर्भपात मानते है ।

पूर्व मे सात माह (28 सप्ताह) पूर्ण होने के बाद ही और 1000 ग्राम से अधिक वजन से जन्मे शिशु की जीवित रहने की सम्भावना मानी जाती थी । अतः सात मास एवं 1000 ग्राम से कम वजन वाले गर्भ समापन को गर्भपात कहते थे | पिछले कुछ दशकों में नवजात शिशु विज्ञान और तकनीकी विकास के फलस्वरूप कमजोर और कम परिपक्व शिशु सेवा में बहुत सुधार हुआ है अनेक उपकरणों के आधार पर इन शिशुओं को जीवित रखना और पालना सम्भव हुआ है। इनके जीवित रहने की सम्भावना और कम बारम्बारता बढ़ गई है । इस कारण गर्भपात की परिभाषा में परिवर्तन हुआ । गर्भवस्था की अवधि के 28 सप्ताह के स्थान पर 20 सप्ताह और वजन 1000 ग्राम स्तर से 500 ग्राम स्तर का अन्तर आया ।

  • इस प्रकार से गर्भपात को अब निम्न प्रकार से पारिभाषित करने लगे है -

विकसित देशों के मुकाबले हमारे यहाँ का सामान्य स्वास्थ्य स्तर और उपकरण उपलब्धि कम है | सात मास से और 1000 ग्राम के कम वजन वाले शिशु का जीवित रहने की सम्भावना विकसित देशों के मुकाबले कम है, परन्तु पहले की अपेक्षा बढ़ गई है।

गर्भपात के कारण -

गर्भपात के अनेक कारण है कुछ कारण ज्ञात है कुछ अज्ञात | अति आरम्भिक गर्भपात प्राकृतिक होते हैं। अतः कारण जानना बहुत कठिन होता है। एक प्रकरण में एक से अधिक कारण भी हो सकते हैं। निदान की पूर्ण सुविधा होने वाले केन्द्रों पर भी कबीर 50% मामलों में गर्भपात के कारण का पता नहीं लग पाता |

प्रथम तीन मास के गर्भपात में शुरू में भ्रूण मृत्यु होती है, उसके पश्चात् गर्भपात क्रिया आरम्भ होती है। तीन मास के पश्चात् वाले मामले में गर्भपात की क्रिया किसी अन्य कारण से शुरू होती है और गर्भस्थ शिशु की मृत्यु अन्त में होती है ।

इन कारणों को हम निम्न प्रकार से विभाजित कर सकते है -

1. स्वयं गर्भ में गुणसूत्र और आनुवंशिक दोष
2. दोषपूर्ण और सम्मुख अपरा विकास
  • अधिकतर स्वाभाविक गर्भपात इन्ही दो कारणों से होते है ।
3. एक साथ एक से अधिक गर्भधारण
4. प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन की कमी
5. माता में विभिन्न रोग और विसंगतियाँ

गर्भपात का निदान -

गर्भपात के निदान में निम्नलिखित जाँचे सहायक  है ।

1. आन्तरिक जनन अंग की योनि द्वार से जाँच ।
2. गर्भ निदान मूत्र परीक्षण |
3. अल्ट्रासोनोग्राफी |


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